CBSE Class-12 Syllabus 2018-19 (Hindi Core)

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CBSE Class-12 Syllabus 2018-19 (Hindi Core)

प्रस्तावना :

दसवीं कक्षा तक हिंदी का अध्ययन करने वाला विद्यार्थी समझते हुए पढ़ने व सुनने के साथ-साथ हिंदी में सोचने और उसे मौखिक एव लिखितरूप में व्यक्त कर पाने की सामान्य दक्षता अर्जित कर चुका होता है। उच्चतर माध्यलमक स्तर पर आने के बाद इन सभ दक्षताओीं को सामान्य से ऊपर उस स्तर तक ले जाने की आवश्यकता होत है, जहााँ भाषा का प्रयोग लभन्न-लभन्न व्यवहार-क्षेत्रों की माींगों के अनुरूप ककया जा सके। आधार पाठ्यक्रम, साहहर्ययक बोध के सार्थ-सार्थ भाषाई दक्षता के विकाश को ज्यादा महययव देता है। यह पाठ्यक्रम उन विद्यार्थियों के ललए उपयोग साबबत होगा, जो आगे विश्वविद्यालय में अध्ययन करते हुए हिंदी को एक ववषय के रूप में पढ़ेंगे या ववज्ञान/सामार्जक ववज्ञान के ककस ववषय को हिंदी माध्यम से पढ़ना चाहेंगे। यह उनके ललए भ उपयोग साबबत होगा, जो उच्चतर माध्यलमक स्तर की  क्षा के बाद ककस तरह   रोजगार में लग जाएींगे। वहााँ कामकाज हिंदी का आधारभूत अध्ययन काम आएगा। र्जन विद्यार्थियों की रुर्च जनसींचार माध्यमों में होग , उनके ललए यह पाठ्यक्रम एक आरींलभक पृष्ठभूलम ननलमित करेगा। इसके सार्थ ही यह पाठ्यक्रम सामान्य रूप से तरह-तरह के साहहयय के सार्थ विद्यार्थियों के सबध को सहज बनाएगा। विद्यार्थी भावषक अलभव्यर्क्त के सूक्ष्म एवं जहिल रूपों से पररर्चत हो सकें गे। वे यर्थार्थि को अपने ववचारों में व्यवर्स्र्थत करने के साधन के तौर पर भाषा का अर्धक सार्थिक उपयोग कर पाएाँगे और उनमें ज वन के प्रनत मानव य सींवेदना एवं सम्यक् दृष्टिका विकाश हो सकेगा।

उद् देश्य :

  • इन माध्यमों और ववधाओीं के ललए उपयुक्त भाषा प्रयोग की इतन क्षमता उनमें आ चुकी होग कक वे स्वयीं इससे जुडे उच्चतर पाठ्यक्रमों को समझ सकें गे।
  • सामार्जक हहींसा की भावषक अलभव्यर्क्त की समझ।
  • भाषा के अींदर सकक्रय सयता सींबींध की समझ।
  • सृजनायमक साहहयय को सराह पाने और उसका आनींद उठाने की क्षमता का विकाश तर्था भाषा में सौंदयाियमकता उयपन्न करने वाली सृजनायमक युर्क्तयों की सींवेदना का विकाश ।
  • विद्यार्थियों के भ तर सभ प्रकार की ववववधताओीं (धम,ि जानत, ललगीं , क्षेत्र एवं भाषा सींबींध ) के प्रनत सकारायमक एवं वववेकपूर्ि रवैये का विकाश ।
  • पठन-सामग्र को लभन्न-लभन्न कोर्ों से अलग-अलग सामार्जक, सांस्कृतिक चिंताओं के पररप्रेक्ष्य में देिने का अभ्यास कराना तर्था दृर्ष्िकोर् की एकाींर्गकता के प्रनत आलोचनायमक दृष्टिका विकाश करना।
  • विद्यार्थी में स्तरीय साहहयय की समझ और उसका आनींद उठाने की स्फू नत, विकाश एवं उसमें साहहयय को श्रेष्ठ बनाने वाले तयवों की सींवेदना का विकाश ।
  • ववलभन्न ज्ञानानुिासनों के ववमिि की भाषा के रूप में हिंदी की ववलिष् प्रकृनत और उसकी क्षमताओीं का बोध।
  • कामकाज हिंदी के उपयोग के कौिल का विकाश ।
  • सींचार माध्यमों (वप्रिीं और इलेक्रॉननक) में प्रयुक्त हिंदी की प्रकृ नत से पररचय और इन माध्यमों की आवश्यकता के अनुरूप मौखिक एवं लिखितअलभव्यर्क्त का विकाश ।
  • विद्यार्थी में ककस भ अपररर्चत ववषय से सींबींर्धत प्रासींर्गक जानकारी के स्रोतों का अनुसींधान और व्यवर्स्र्थत ढींग से उनकी मौखिक और लिखितप्रस्तुनत की क्षमता का विकाश ।

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Courtesy: CBSE

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